प्रेम बस पाना ही तो नहीं! कविता
अब कौन कहाँ है? किसे देखूं? प्रश्न किससे करूँ? जख्म हरा है भर जाये शायद, आज कल, महीनों या वर्षों में। पर कौन होगा अब सम्हालने मेरी बिखरती उम्मीदों को? कौन समझेगा मेरे सपनों को? याद है मुझे (तुम्हें…
अब कौन कहाँ है? किसे देखूं? प्रश्न किससे करूँ? जख्म हरा है भर जाये शायद, आज कल, महीनों या वर्षों में। पर कौन होगा अब सम्हालने मेरी बिखरती उम्मीदों को? कौन समझेगा मेरे सपनों को? याद है मुझे (तुम्हें…
That helpless memory of helpless me and you too, helpless and just nothing could we do about it when we had to exit our dreamy world and embrace the rotten garden; yes, once again! for us both, forever
His or her? He or she? Wounds, broken bones, fired skulls, pieces of belly, legs and chopped hands; ah! a superpower won the war. a poem by Alok Mishra
Why should I stop this ever-unsung tune of warmth of this strange coldness that brings our love closer when I hold you just beneath my breath and your lips give salvation to mine and properly, carefully enshrine the bodies which…
Life in me, at times, fears the life in you. Though I do surmise but you can find it true for obvious reasons. You have life; I have too. Still, life in me fears the life in you. by…
देखा तुम्हें मैंने, फिरसे... फिरसे देखा तुम्हें आज मैंने जब आके तुम सुबह-सुबह मेरे पास बैठी और भींगे बालों से टपकती वो दो-चार बूंदें छू गयी फिरसे शरीर के अंदर छुपी मेरी आत्मा को। .. देखा मैंने फिर आँखों में…
अब जाके टुटा मेरा सपना और मिले आमने-सामने सारे जिन्हें मैंने माना था कभी पराया और अपना। राह बहुत उज्जवल थी चला था जब मैं देख मंजिल को सामने साहसी क़दमों के साथ बस कुछ पग चलके सफलता की शर्माती…
किसी चौराहे पे किसी दोराहे पे किसी मोड़ पे कभी तो दिखो जीवन के किसी छोड़ पे और सुकून मिले मेरी तरसती आँखों को और तृष्णा मिटे इस बेरुखे मन की जो कोसता रहता है मेरे सूनेपन को, अक्सर…
My words are not poetry; My life is. Through ups and downs, calm and chaos, suffering and pleasure, and my every strife is poetry.
I have lost something, somewhere in the rush, on the road, to my office, in a city, in a country, in the largest continent, on the earth. Amid dearth and mirth; death and birth I am troubled. I am worried.…