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one year of love poem
एक बरस निकल गया – Hindi poem on love’s journey
31st October 2018

एक बरस निकल गया – Hindi poem on love’s journey

  कुछ तो था कहीं न कहीं अधूरा मुझमें, और शायद तुम में भी। वर्षों की तन्हाई, एक लम्बी जुदाई, अलग-अलग राहों पे अपने-अपने सफर, अनजान, खोये अपने जीवन में हम-तुम कुछ तो हुआ तुम्हें और फिर मुझे भी की…

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प्रेम बस पाना ही तो नहीं! कविता
16th September 2018

प्रेम बस पाना ही तो नहीं! कविता

  अब कौन कहाँ है? किसे देखूं? प्रश्न किससे करूँ? जख्म हरा है भर जाये शायद, आज कल, महीनों या वर्षों में। पर कौन होगा अब सम्हालने मेरी बिखरती उम्मीदों को? कौन समझेगा मेरे सपनों को? याद है मुझे (तुम्हें…

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Kavita kavi tum ho hindi love poem poetry
कविता तुम हो – Hindi Poem
23rd June 2018

कविता तुम हो – Hindi Poem

  कवि हूँ या नहीं मैं दुनिया बाद में निर्णय कर ले पर मेरी कविताओं की तो आत्मा तुम हो शब्द मेरे भले ही उभरते कागजों पे हों एक-एक शब्द की वासना तुम हो तुम हो तो मैं हूँ और…

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देखा तुम्हें मैंने, फिरसे… Hindi Poem
23rd April 2018

देखा तुम्हें मैंने, फिरसे… Hindi Poem

देखा तुम्हें मैंने, फिरसे... फिरसे देखा तुम्हें आज मैंने जब आके तुम सुबह-सुबह मेरे पास बैठी और भींगे बालों से टपकती वो दो-चार बूंदें छू गयी फिरसे शरीर के अंदर छुपी मेरी आत्मा को।  .. देखा मैंने फिर आँखों में…

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