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Alok Hun Main poem by Alok Mishra
मैं आलोक हूँ | कविता – Hindi Poem
19th April 2018

मैं आलोक हूँ | कविता – Hindi Poem

अब जाके टुटा मेरा सपना और मिले आमने-सामने सारे जिन्हें मैंने माना था कभी पराया और अपना। राह बहुत उज्जवल थी चला था जब मैं देख मंजिल को सामने साहसी क़दमों के साथ बस कुछ पग चलके सफलता की शर्माती…

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poem by Alok Mishra
कभी तो मिलो – हिंदी कविता | Kabhi to Milo – Hindi Poem
7th April 2018

कभी तो मिलो – हिंदी कविता | Kabhi to Milo – Hindi Poem

  किसी चौराहे पे किसी दोराहे पे किसी मोड़ पे कभी तो दिखो जीवन के किसी छोड़ पे और सुकून मिले मेरी तरसती आँखों को और तृष्णा मिटे इस बेरुखे मन की जो कोसता रहता है मेरे सूनेपन को, अक्सर…

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valentine poem main aur tum
मैं और तुम – the valentine poem
14th February 2018

मैं और तुम – the valentine poem

काश वो वक्त ठहर जाता और मैं समेट लेता सारी खुशियाँ जो लायी थी मेरे चेहरे पे तुम्हारे चेहरे की एक झलक ने! दिन गुजरे और महीने और फिर साल साल दर साल बस निकलते गये मानो जैसे सबने ठान…

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