फिरसे एक महाभारत अब ठन जाने दो! (a poem in the memory of Pulwama martyrs)
The Episode of Pulwama Terror Attack फिर से निकलीं कुछ अर्थियां हैं उसी रास्ते, जिस रास्ते कुछ गये थे शायद पिछले माह ही और फिर जायेंगे कुछ किसी दिन और सही। उदित नहीं हुए होंगे कुछ सूर्य फिर कभी और…