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अटल बिहारी वाजपेयी जी और उनकी कवितायेँ!
अटल बिहारी वाजपेयी जी और उनकी कवितायेँ!
25th December 2017

अटल बिहारी वाजपेयी जी और उनकी कवितायेँ!

"पथ पर चलते चलते ही वह राह बन गया, तिल-तिल कर जलते जलते ही दाह बन गया, वह कैसा था भक्त स्वयं भगवान बन गया कुम्भकार की कीर्ति बन निर्माण बन गया!"     जब भी अटल जी पुरुषार्थ से…

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kash ek din poem Hindi
Kash ek Din: Hindi Poem
26th November 2017

Kash ek Din: Hindi Poem

  आजाद मैं हूँ स्वतंत्र तुम भी हो किसी परिणाम, किसी कल से कोई अनुराग, कोई भय भी नहीं। पर कुछ तो है कहीं विचारों, भावनाओं के किसी कोने में सही जो जोड़ती है मुझे तुम से और तुम्हें मुझ…

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