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prem pana to nahin kavita poem
प्रेम बस पाना ही तो नहीं! कविता
16th September 2018

प्रेम बस पाना ही तो नहीं! कविता

  अब कौन कहाँ है? किसे देखूं? प्रश्न किससे करूँ? जख्म हरा है भर जाये शायद, आज कल, महीनों या वर्षों में। पर कौन होगा अब सम्हालने मेरी बिखरती उम्मीदों को? कौन समझेगा मेरे सपनों को? याद है मुझे (तुम्हें…

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Atal Bihari Vajpayee atal ji kavita
Atal Ji – एक समर्पित कविता
16th August 2018

Atal Ji – एक समर्पित कविता

अनवरत, सतत, निरंतर बिना रुके, बिना थमे, रखे बिना भेद-अंतर चलता रहेगा एक विचार जो जगाया है उसने अपने जीवन की आहुति देकर। राज-काज, राज-धर्म और धर्म सिखाया जिसने अपने वाणी की सर्वोच्च शीर्ष पर खुद भी बन गया वो…

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Kavita kavi tum ho hindi love poem poetry
कविता तुम हो – Hindi Poem
23rd June 2018

कविता तुम हो – Hindi Poem

  कवि हूँ या नहीं मैं दुनिया बाद में निर्णय कर ले पर मेरी कविताओं की तो आत्मा तुम हो शब्द मेरे भले ही उभरते कागजों पे हों एक-एक शब्द की वासना तुम हो तुम हो तो मैं हूँ और…

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dekha maine tumhen firse poem hindi new
देखा तुम्हें मैंने, फिरसे… Hindi Poem
23rd April 2018

देखा तुम्हें मैंने, फिरसे… Hindi Poem

देखा तुम्हें मैंने, फिरसे... फिरसे देखा तुम्हें आज मैंने जब आके तुम सुबह-सुबह मेरे पास बैठी और भींगे बालों से टपकती वो दो-चार बूंदें छू गयी फिरसे शरीर के अंदर छुपी मेरी आत्मा को।  .. देखा मैंने फिर आँखों में…

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Alok Hun Main poem by Alok Mishra
मैं आलोक हूँ | कविता – Hindi Poem
19th April 2018

मैं आलोक हूँ | कविता – Hindi Poem

अब जाके टुटा मेरा सपना और मिले आमने-सामने सारे जिन्हें मैंने माना था कभी पराया और अपना। राह बहुत उज्जवल थी चला था जब मैं देख मंजिल को सामने साहसी क़दमों के साथ बस कुछ पग चलके सफलता की शर्माती…

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poem by Alok Mishra
कभी तो मिलो – हिंदी कविता | Kabhi to Milo – Hindi Poem
7th April 2018

कभी तो मिलो – हिंदी कविता | Kabhi to Milo – Hindi Poem

  किसी चौराहे पे किसी दोराहे पे किसी मोड़ पे कभी तो दिखो जीवन के किसी छोड़ पे और सुकून मिले मेरी तरसती आँखों को और तृष्णा मिटे इस बेरुखे मन की जो कोसता रहता है मेरे सूनेपन को, अक्सर…

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meri kahani mera fasana
मेरी कहानी, मेरा फ़साना (meri kahani, mera fasana) – a poem
24th January 2018

मेरी कहानी, मेरा फ़साना (meri kahani, mera fasana) – a poem

  कह दूँ भी तुम्हें तो किन अल्फ़ाजों में की दिल ने मेरे बस कैसे चुना है तुम्हें? अब तो प्यास भी जैसे सुकून सी लगती है जबसे तुम्हारी धड़कनों में भी अपना ही नाम सुना मैंने! अब तो तुम…

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poem on nationalism patriotism Alok Mishra
Bharat ke Tukde: Poem on Patriotism vs Anti-nationalism
28th February 2017

Bharat ke Tukde: Poem on Patriotism vs Anti-nationalism

राष्ट्र विरोधी ताकतों के नाम एक सन्देश कविता के माध्यम से    कर ही दो अब भारत के टुकड़े और ले लो कोई कोना तुम लोग, वहीं ख़ुशी से नाचो गाओ विरोध स्वर में नारे लगाओ अपने टुकड़े को भी…

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Saraswati Puja Vasant Panchmi
Saraswati Vandana Poem in Hindi
1st February 2017

Saraswati Vandana Poem in Hindi

वीणावादिनी, स्वरा, विद्यादायिनी देवी ज्ञान की विवेक की जननी शत शत नमन तेरे चरण माँ सरस्वती। मृदु स्वर कंठ को विवेक मन को सुविचार जन जन को पुन्ज ज्ञानप्रकाश की क्लेषित जीवन को सदा तू देती। शत शत नमन तेरे…

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Hindi Poem on Indian Army
Jai Jawan | Hindi Poem on Brave Indian Army
23rd November 2016

Jai Jawan | Hindi Poem on Brave Indian Army

ये वामपंथ क्या है? कोई मुझे समझाएगा? देशभक्ति का जूनून और उसमें घुलता लहू, मेघ सी हुंकार और सिंह सी गर्जना, ये तो कर्मवीर हैं जानते हैं बस सर्वस्व समर्पण करना। अब वामपंथी हमारे, बड़े विचारों वाले सिखाएंगे तोप चलाने…

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