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Hindi Poem Alok Mishra
आलोकित – हर्षित
19th December 2019

आलोकित – हर्षित

  आवेग-प्रफुल्लित, आनन्दित, असिम और अथाह, अनंत, अनवरत, आह्लादित सागर की उठती-गिरती लहरें यूँ ही आती-जाती रहती हैं - सागर में और मेरे मन में भी। नित्य-नवीन, नव-स्फुटित, निर्मल, नयन-आलोकित, निरंतर निशा-शीतल सी तुम्हारी छवि मेरे ह्रदय-निकेतन में यदा-कदा आती-जाती…

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poem by alok mishra love poetry
एक चन्द्रमा – हिंदी कविता – Poem
12th November 2019

एक चन्द्रमा – हिंदी कविता – Poem

प्रश्न और कठिन प्रश्न, उत्तर या निरुत्तर, समता या विषमता, गहराई या ऊंचाई, सुःख और संताप - प्रिये, तुम्हारे चकोर-चक्षुओँ के लिए मैं एक चन्द्रमा अपने प्रयत्नों से अवश्य संवारूँगा!

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My Poetic Angst Alok Mishra poem
प्रेम, तुम, मैं और हम…
22nd December 2018

प्रेम, तुम, मैं और हम…

मेरे स्वप्नों को वसंत-स्वप्न के बाहर प्रेम-सत्य की धरा पर, कुछ ऐसे तुमने उतारा है, प्रिये, मानो जीवंत हो गए हों पुनः वो सारे पुष्प जो मुरझाये से थे रेतीले सागर के गहराई में, पीड़ित,वंचित और उपेक्षित से। छूकर प्यार…

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Kavita kavi tum ho hindi love poem poetry
कविता तुम हो – Hindi Poem
23rd June 2018

कविता तुम हो – Hindi Poem

  कवि हूँ या नहीं मैं दुनिया बाद में निर्णय कर ले पर मेरी कविताओं की तो आत्मा तुम हो शब्द मेरे भले ही उभरते कागजों पे हों एक-एक शब्द की वासना तुम हो तुम हो तो मैं हूँ और…

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देखा तुम्हें मैंने, फिरसे… Hindi Poem
23rd April 2018

देखा तुम्हें मैंने, फिरसे… Hindi Poem

देखा तुम्हें मैंने, फिरसे... फिरसे देखा तुम्हें आज मैंने जब आके तुम सुबह-सुबह मेरे पास बैठी और भींगे बालों से टपकती वो दो-चार बूंदें छू गयी फिरसे शरीर के अंदर छुपी मेरी आत्मा को।  .. देखा मैंने फिर आँखों में…

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मैं और तुम – the valentine poem
14th February 2018

मैं और तुम – the valentine poem

काश वो वक्त ठहर जाता और मैं समेट लेता सारी खुशियाँ जो लायी थी मेरे चेहरे पे तुम्हारे चेहरे की एक झलक ने! दिन गुजरे और महीने और फिर साल साल दर साल बस निकलते गये मानो जैसे सबने ठान…

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