बंदिशों को टूट जाने दो… love poem in Hindi
पंख तो दे दिये अरमानों को तुमने अब बंदिशों को भी टूट जाने दो अनंत तक देख लेने दो तुम्हें समीप से अब दायरों को पीछे छूट जाने दो प्रेम में कोई बंधन तो नहीं होता? बताओ अगर मुहब्बत…
पंख तो दे दिये अरमानों को तुमने अब बंदिशों को भी टूट जाने दो अनंत तक देख लेने दो तुम्हें समीप से अब दायरों को पीछे छूट जाने दो प्रेम में कोई बंधन तो नहीं होता? बताओ अगर मुहब्बत…
The Episode of Pulwama Terror Attack फिर से निकलीं कुछ अर्थियां हैं उसी रास्ते, जिस रास्ते कुछ गये थे शायद पिछले माह ही और फिर जायेंगे कुछ किसी दिन और सही। उदित नहीं हुए होंगे कुछ सूर्य फिर कभी और…
मेरे स्वप्नों को वसंत-स्वप्न के बाहर प्रेम-सत्य की धरा पर, कुछ ऐसे तुमने उतारा है, प्रिये, मानो जीवंत हो गए हों पुनः वो सारे पुष्प जो मुरझाये से थे रेतीले सागर के गहराई में, पीड़ित,वंचित और उपेक्षित से। छूकर प्यार…
It strikes; you wish or not. It does strike - the vehement anguish of knowing everything that was, is and will be ahead. I saw your rise. I see my fall. Surmise. I knew always. My truth is beyond your…
कुछ तो था कहीं न कहीं अधूरा मुझमें, और शायद तुम में भी। वर्षों की तन्हाई, एक लम्बी जुदाई, अलग-अलग राहों पे अपने-अपने सफर, अनजान, खोये अपने जीवन में हम-तुम कुछ तो हुआ तुम्हें और फिर मुझे भी की…
Hello friends, I hope you all are well and waiting for the festivities to begin - Durgapuja and then a small wait for Diwali. Meanwhile, I have composed a few poems and created a poetry collection. The collection has been…
The street lamp emits white and cold light tonight, as usual. It's 2 AM. Dogs bark and tear the breast of silent street, like every other night. I explore the corridor occasionally. Either happiness or sadness embraces my heart…
अब कौन कहाँ है? किसे देखूं? प्रश्न किससे करूँ? जख्म हरा है भर जाये शायद, आज कल, महीनों या वर्षों में। पर कौन होगा अब सम्हालने मेरी बिखरती उम्मीदों को? कौन समझेगा मेरे सपनों को? याद है मुझे (तुम्हें…
That helpless memory of helpless me and you too, helpless and just nothing could we do about it when we had to exit our dreamy world and embrace the rotten garden; yes, once again! for us both, forever
अनवरत, सतत, निरंतर बिना रुके, बिना थमे, रखे बिना भेद-अंतर चलता रहेगा एक विचार जो जगाया है उसने अपने जीवन की आहुति देकर। राज-काज, राज-धर्म और धर्म सिखाया जिसने अपने वाणी की सर्वोच्च शीर्ष पर खुद भी बन गया वो…