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kash ek din poem Hindi
Kash ek Din: Hindi Poem
26th November 2017

Kash ek Din: Hindi Poem

  आजाद मैं हूँ स्वतंत्र तुम भी हो किसी परिणाम, किसी कल से कोई अनुराग, कोई भय भी नहीं। पर कुछ तो है कहीं विचारों, भावनाओं के किसी कोने में सही जो जोड़ती है मुझे तुम से और तुम्हें मुझ…

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My Words Poem Two Hindi English
मेरे शब्द | My Words | Poem Two
12th October 2017

मेरे शब्द | My Words | Poem Two

  वो खास पल भी और घड़ियाँ भारीपन के बस ऐसे ही निकल से गये जैसे रेत हाथों से और पतझड़ में वृक्ष से पत्ते। दिन और रात की आँख-मिचौनी, सूनेपन और अपनेपन की बीच का वो फासला, 'मैं' और…

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My Words Poem One Hindi English
मेरे शब्द | My Words | Web Poetry Series – Poem One
3rd October 2017

मेरे शब्द | My Words | Web Poetry Series – Poem One

  जाने क्यूँ ये शब्द मेरे व्याकुल हैं तुम्हारे सान्निध्य को, एक बार फिर से? तुमने ही तो ठुकराया था इन्हें, अपनी ख़ामोशी से जब मैंने पूछे थे कुछ सवाल। मैं तो शायद समझ भी लूँ अपनी विवशता और मौन…

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