Awara: A Hindi Poem
आवारा हकीकत की जब कल्पना नहीं कर पाता हूँ फिर मैं मजबूर हो जाता हूँ इच्छित संसार के स्वप्नों में विचरण करने को स्वछन्द आवारा रोक-टोक मुझे पसंद नहीं ना ही किसी ने की है अब तक पर हाँ, खुद…
आवारा हकीकत की जब कल्पना नहीं कर पाता हूँ फिर मैं मजबूर हो जाता हूँ इच्छित संसार के स्वप्नों में विचरण करने को स्वछन्द आवारा रोक-टोक मुझे पसंद नहीं ना ही किसी ने की है अब तक पर हाँ, खुद…