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Nirvana - Hindi Poem
निर्वाण – Hindi Poem
17th January 2019

निर्वाण – Hindi Poem

जैसे निर्वाण मिला हो मेरी मोक्ष की महत्वाकांक्षा को बस एक बार जो छू लेते हैं लब तेरे मेरे प्रफुल्लित अधरों को जो बस अंकुरित से हुए हैं प्रेम की बारिश में! मेरी इच्छाओं की धुंध पे पड़ती हैं जब…

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one year of love poem
एक बरस निकल गया – Hindi poem on love’s journey
31st October 2018

एक बरस निकल गया – Hindi poem on love’s journey

  कुछ तो था कहीं न कहीं अधूरा मुझमें, और शायद तुम में भी। वर्षों की तन्हाई, एक लम्बी जुदाई, अलग-अलग राहों पे अपने-अपने सफर, अनजान, खोये अपने जीवन में हम-तुम कुछ तो हुआ तुम्हें और फिर मुझे भी की…

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prem pana to nahin kavita poem
प्रेम बस पाना ही तो नहीं! कविता
16th September 2018

प्रेम बस पाना ही तो नहीं! कविता

  अब कौन कहाँ है? किसे देखूं? प्रश्न किससे करूँ? जख्म हरा है भर जाये शायद, आज कल, महीनों या वर्षों में। पर कौन होगा अब सम्हालने मेरी बिखरती उम्मीदों को? कौन समझेगा मेरे सपनों को? याद है मुझे (तुम्हें…

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Kavita kavi tum ho hindi love poem poetry
कविता तुम हो – Hindi Poem
23rd June 2018

कविता तुम हो – Hindi Poem

  कवि हूँ या नहीं मैं दुनिया बाद में निर्णय कर ले पर मेरी कविताओं की तो आत्मा तुम हो शब्द मेरे भले ही उभरते कागजों पे हों एक-एक शब्द की वासना तुम हो तुम हो तो मैं हूँ और…

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dekha maine tumhen firse poem hindi new
देखा तुम्हें मैंने, फिरसे… Hindi Poem
23rd April 2018

देखा तुम्हें मैंने, फिरसे… Hindi Poem

देखा तुम्हें मैंने, फिरसे... फिरसे देखा तुम्हें आज मैंने जब आके तुम सुबह-सुबह मेरे पास बैठी और भींगे बालों से टपकती वो दो-चार बूंदें छू गयी फिरसे शरीर के अंदर छुपी मेरी आत्मा को।  .. देखा मैंने फिर आँखों में…

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poem by Alok Mishra
कभी तो मिलो – हिंदी कविता | Kabhi to Milo – Hindi Poem
7th April 2018

कभी तो मिलो – हिंदी कविता | Kabhi to Milo – Hindi Poem

  किसी चौराहे पे किसी दोराहे पे किसी मोड़ पे कभी तो दिखो जीवन के किसी छोड़ पे और सुकून मिले मेरी तरसती आँखों को और तृष्णा मिटे इस बेरुखे मन की जो कोसता रहता है मेरे सूनेपन को, अक्सर…

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मैं और तुम – the valentine poem
14th February 2018

मैं और तुम – the valentine poem

काश वो वक्त ठहर जाता और मैं समेट लेता सारी खुशियाँ जो लायी थी मेरे चेहरे पे तुम्हारे चेहरे की एक झलक ने! दिन गुजरे और महीने और फिर साल साल दर साल बस निकलते गये मानो जैसे सबने ठान…

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