निर्वाण – Hindi Poem
जैसे निर्वाण मिला हो मेरी मोक्ष की महत्वाकांक्षा को बस एक बार जो छू लेते हैं लब तेरे मेरे प्रफुल्लित अधरों को जो बस अंकुरित से हुए हैं प्रेम की बारिश में! मेरी इच्छाओं की धुंध पे पड़ती हैं जब…
जैसे निर्वाण मिला हो मेरी मोक्ष की महत्वाकांक्षा को बस एक बार जो छू लेते हैं लब तेरे मेरे प्रफुल्लित अधरों को जो बस अंकुरित से हुए हैं प्रेम की बारिश में! मेरी इच्छाओं की धुंध पे पड़ती हैं जब…
कुछ तो था कहीं न कहीं अधूरा मुझमें, और शायद तुम में भी। वर्षों की तन्हाई, एक लम्बी जुदाई, अलग-अलग राहों पे अपने-अपने सफर, अनजान, खोये अपने जीवन में हम-तुम कुछ तो हुआ तुम्हें और फिर मुझे भी की…
अब कौन कहाँ है? किसे देखूं? प्रश्न किससे करूँ? जख्म हरा है भर जाये शायद, आज कल, महीनों या वर्षों में। पर कौन होगा अब सम्हालने मेरी बिखरती उम्मीदों को? कौन समझेगा मेरे सपनों को? याद है मुझे (तुम्हें…
That helpless memory of helpless me and you too, helpless and just nothing could we do about it when we had to exit our dreamy world and embrace the rotten garden; yes, once again! for us both, forever
Why should I stop this ever-unsung tune of warmth of this strange coldness that brings our love closer when I hold you just beneath my breath and your lips give salvation to mine and properly, carefully enshrine the bodies which…
कवि हूँ या नहीं मैं दुनिया बाद में निर्णय कर ले पर मेरी कविताओं की तो आत्मा तुम हो शब्द मेरे भले ही उभरते कागजों पे हों एक-एक शब्द की वासना तुम हो तुम हो तो मैं हूँ और…
देखा तुम्हें मैंने, फिरसे... फिरसे देखा तुम्हें आज मैंने जब आके तुम सुबह-सुबह मेरे पास बैठी और भींगे बालों से टपकती वो दो-चार बूंदें छू गयी फिरसे शरीर के अंदर छुपी मेरी आत्मा को। .. देखा मैंने फिर आँखों में…
किसी चौराहे पे किसी दोराहे पे किसी मोड़ पे कभी तो दिखो जीवन के किसी छोड़ पे और सुकून मिले मेरी तरसती आँखों को और तृष्णा मिटे इस बेरुखे मन की जो कोसता रहता है मेरे सूनेपन को, अक्सर…
काश वो वक्त ठहर जाता और मैं समेट लेता सारी खुशियाँ जो लायी थी मेरे चेहरे पे तुम्हारे चेहरे की एक झलक ने! दिन गुजरे और महीने और फिर साल साल दर साल बस निकलते गये मानो जैसे सबने ठान…
I don't remember her eyes. I don't remember those dark, big and beautiful eyes. I don't remember at all how they pushed me to a state of surmise - I really don't remember! Believe me; I don't. for M…