मेरी कहानी, मेरा फ़साना (meri kahani, mera fasana) – a poem
कह दूँ भी तुम्हें तो किन अल्फ़ाजों में की दिल ने मेरे बस कैसे चुना है तुम्हें? अब तो प्यास भी जैसे सुकून सी लगती है जबसे तुम्हारी धड़कनों में भी अपना ही नाम सुना मैंने! अब तो तुम…
कह दूँ भी तुम्हें तो किन अल्फ़ाजों में की दिल ने मेरे बस कैसे चुना है तुम्हें? अब तो प्यास भी जैसे सुकून सी लगती है जबसे तुम्हारी धड़कनों में भी अपना ही नाम सुना मैंने! अब तो तुम…
चलो हमने कुछ दिया या नहीं मुहब्बत में पर तुमने तो, हाँ, बेवफाई ही दी हमें! Chalo hamne kuchh diya ya nahi muhabbat me par tumne to, han, bewafai hi di hame! वो चाँद भी कोसता होगा चाँदनी को अपनी…
Welcome to the manch of shayaris. You will get to read here some of the recent shayaris or two/three liners written by Alok Mishra in Hindi. For those who cannot read Hindis on their device (for so many reasons) the English…