Alok Mishra

कविता तुम हो – Hindi Poem

Kavita kavi tum ho hindi love poem poetry

 

कवि हूँ या नहीं मैं
दुनिया बाद में निर्णय कर ले
पर मेरी कविताओं की तो आत्मा तुम हो

शब्द मेरे भले ही
उभरते कागजों पे हों
एक-एक शब्द की वासना तुम हो

तुम हो तो मैं हूँ
और है मेरी कविता
इस प्रेम के सूरदास की
उपासना तुम हो!

 

by Alok Mishra 

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