Alok Mishra

बंदिशों को टूट जाने दो… love poem in Hindi

Love Poems in Hindi Alok Mishra Poet

 

पंख तो दे दिये अरमानों को तुमने
अब बंदिशों को भी टूट जाने दो
अनंत तक देख लेने दो तुम्हें समीप से
अब दायरों को पीछे छूट जाने दो

प्रेम में कोई बंधन तो नहीं होता?
बताओ अगर मुहब्बत में फासले होते हों तो।
शब्द तो हार गए कबके इसे परिभाषित करने के प्रयत्न में
अगर कोई अल्फ़ाज़-बयां चाहत का हो तो बता दो।

जताओ न चाहतें अब दूर से ऐसे
हमारे बिच के हिमगिरि को
अब प्रेम-धरा में घुल जाने दो,
छोडो अब सांसें तन्हाई में लेना
सांसें अब दूरियों की घुट जाने दो
पंख तो दे दिये अरमानों को तुमने
अब बंदिशों को भी टूट जाने दो …

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