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firse mahabharata poem sainik India Alok
फिरसे एक महाभारत अब ठन जाने दो! (a poem in the memory of Pulwama martyrs)
16th February 2019

फिरसे एक महाभारत अब ठन जाने दो! (a poem in the memory of Pulwama martyrs)

The Episode of Pulwama Terror Attack फिर से निकलीं कुछ अर्थियां हैं उसी रास्ते, जिस रास्ते कुछ गये थे शायद पिछले माह ही और फिर जायेंगे कुछ किसी दिन और सही। उदित नहीं हुए होंगे कुछ सूर्य फिर कभी और…

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My Poetic Angst Alok Mishra poem
प्रेम, तुम, मैं और हम…
22nd December 2018

प्रेम, तुम, मैं और हम…

मेरे स्वप्नों को वसंत-स्वप्न के बाहर प्रेम-सत्य की धरा पर, कुछ ऐसे तुमने उतारा है, प्रिये, मानो जीवंत हो गए हों पुनः वो सारे पुष्प जो मुरझाये से थे रेतीले सागर के गहराई में, पीड़ित,वंचित और उपेक्षित से। छूकर प्यार…

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meri kahani mera fasana
मेरी कहानी, मेरा फ़साना (meri kahani, mera fasana) – a poem
24th January 2018

मेरी कहानी, मेरा फ़साना (meri kahani, mera fasana) – a poem

  कह दूँ भी तुम्हें तो किन अल्फ़ाजों में की दिल ने मेरे बस कैसे चुना है तुम्हें? अब तो प्यास भी जैसे सुकून सी लगती है जबसे तुम्हारी धड़कनों में भी अपना ही नाम सुना मैंने! अब तो तुम…

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poem on nationalism patriotism Alok Mishra
Bharat ke Tukde: Poem on Patriotism vs Anti-nationalism
28th February 2017

Bharat ke Tukde: Poem on Patriotism vs Anti-nationalism

राष्ट्र विरोधी ताकतों के नाम एक सन्देश कविता के माध्यम से    कर ही दो अब भारत के टुकड़े और ले लो कोई कोना तुम लोग, वहीं ख़ुशी से नाचो गाओ विरोध स्वर में नारे लगाओ अपने टुकड़े को भी…

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Saraswati Puja Vasant Panchmi
Saraswati Vandana Poem in Hindi
1st February 2017

Saraswati Vandana Poem in Hindi

वीणावादिनी, स्वरा, विद्यादायिनी देवी ज्ञान की विवेक की जननी शत शत नमन तेरे चरण माँ सरस्वती। मृदु स्वर कंठ को विवेक मन को सुविचार जन जन को पुन्ज ज्ञानप्रकाश की क्लेषित जीवन को सदा तू देती। शत शत नमन तेरे…

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Hindi Poem on Indian Army
Jai Jawan | Hindi Poem on Brave Indian Army
23rd November 2016

Jai Jawan | Hindi Poem on Brave Indian Army

ये वामपंथ क्या है? कोई मुझे समझाएगा? देशभक्ति का जूनून और उसमें घुलता लहू, मेघ सी हुंकार और सिंह सी गर्जना, ये तो कर्मवीर हैं जानते हैं बस सर्वस्व समर्पण करना। अब वामपंथी हमारे, बड़े विचारों वाले सिखाएंगे तोप चलाने…

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Main – A Hindi Poem
5th November 2016

Main – A Hindi Poem

बस अब डूबता ही समझ लो मुझे भी की लहरों से टकराने का अब बस मन नहीं। बहुत खुशनसीब था मैं की ज़िन्दगी मिली की अब मर जाने का भी खास गम नहीं।। हँस लिये, रो लिये दो-चार पुष्प हिस्से के…

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समंदर और साहिल Samandar aur Sahil | Poem | Hindi
21st October 2016

समंदर और साहिल Samandar aur Sahil | Poem | Hindi

काश की हमने समंदर से यूँ किनारा न किया होता, और बढ़ाई न होती साहिलों से दोस्ती अपनी, फिर आज हममें भी लहरों की रवानी होती। पर करते भी क्या जब मौजों को ये मुनासिब न था? सितम करते हैं…

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मैं वहाँ भी था। Main Wahan Bhi Tha | Hindi Poem |
17th October 2016

मैं वहाँ भी था। Main Wahan Bhi Tha | Hindi Poem |

बिखरे पते, सूखे वन-उपवन, प्यासे जलाशय, व्याकुल मानव मन... मैं वहाँ भी था! जाने कितने दुःशासन, कितने महाभारत समर और कितनी द्रौपदियों के चीर हरण, हाँ, मैं वहाँ भी था! खिले वसंत की अरुणाई, मानो संसार के मुख मंडल पे…

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Poem Dedicated to Women of Rajsthan Who Walk Endlessly for Water
2nd October 2016

Poem Dedicated to Women of Rajsthan Who Walk Endlessly for Water

जल   श्वानों के शौक हैं तैराकी मस्ती जल के सैलाबों में, यहाँ थकती है माँ कि छाती, बढती है वो निरंतर बिना बैठे और सुस्ताती | लिये गगरी वो निकल पड़ी खाली पैर बालू के चादर पे, हे नभ…

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