skip to Main Content
Hindi Poem Alok Mishra
आलोकित – हर्षित
19th December 2019

आलोकित – हर्षित

  आवेग-प्रफुल्लित, आनन्दित, असिम और अथाह, अनंत, अनवरत, आह्लादित सागर की उठती-गिरती लहरें यूँ ही आती-जाती रहती हैं - सागर में और मेरे मन में भी। नित्य-नवीन, नव-स्फुटित, निर्मल, नयन-आलोकित, निरंतर निशा-शीतल सी तुम्हारी छवि मेरे ह्रदय-निकेतन में यदा-कदा आती-जाती…

Read More
poem by alok mishra love poetry
एक चन्द्रमा – हिंदी कविता – Poem
12th November 2019

एक चन्द्रमा – हिंदी कविता – Poem

प्रश्न और कठिन प्रश्न, उत्तर या निरुत्तर, समता या विषमता, गहराई या ऊंचाई, सुःख और संताप - प्रिये, तुम्हारे चकोर-चक्षुओँ के लिए मैं एक चन्द्रमा अपने प्रयत्नों से अवश्य संवारूँगा!

Read More
tera shukriya poem alok mishra hindi sad poems heart break
शुक्रिया… तेरा शुक्रिया! last personal poem
17th May 2019

शुक्रिया… तेरा शुक्रिया! last personal poem

  ऐसे बीच रास्ते छोड़ना अकेले मुझे कितना आसान रहा होगा शायद तुम्हारे लिए। पर कैसे भूल गयी तुम अब यहाँ से पीछे जाऊँ तो ज़िंदगी साथ नहीं देगी और आगे बढ़ा तुम्हारे बिना तो ज़िंदगी का साथ मैं नहीं…

Read More
Firse jine do kavita Hindi Alok
फिरसे जीने दो – कविता (firse jine do Hindi poem)
1st May 2019

फिरसे जीने दो – कविता (firse jine do Hindi poem)

प्रतीक्षा की बहुत अब तक, और स्वप्न देखे ना जाने कितने! प्रेम की ये प्रतिध्वनि, तुम्हारी मुखाकृति का वो प्रतिविम्ब आज भी ह्रदय में मेरे सुसज्जित हैं, यथावत। किन्तु अब, जब पुनः सामने लाया तुम्हें मेरे प्रारब्ध, तब, और विलम्ब…

Read More
Love Poems in Hindi Alok Mishra Poet
बंदिशों को टूट जाने दो… love poem in Hindi
22nd March 2019

बंदिशों को टूट जाने दो… love poem in Hindi

  पंख तो दे दिये अरमानों को तुमने अब बंदिशों को भी टूट जाने दो अनंत तक देख लेने दो तुम्हें समीप से अब दायरों को पीछे छूट जाने दो प्रेम में कोई बंधन तो नहीं होता? बताओ अगर मुहब्बत…

Read More
Back To Top
Search